वेद के प्रकार (Typs of Ved) धर्मग्रन्थ एवम् ऐतिहासिक ग्रन्थ से मिलने वाली महत्वपूर्ण जानकरी भारत का सर्व प्राचीन धर्मग्रंथ वेद है, जिसके संकलनकर्ता महर्षी क्रष्ण दैपयन वेदव्यास को माना जाता है । भारतीय परम्परा वेदों को नित्य और अपोरुसय मानती है । वेद चार है 1) ऋग्वेद 2) यजुर्वेद 3) सामवेद 4) अथवर्वेद इन चारो वेदो को संहिता कहा जाता है । ऋग्वेद 1.ऋचाओं के क्रमबद्ध ज्ञान के संग्रह को ऋग्वेद कहा जाता है। इनमे 10 मंडल, 1028 सूक्त एवम् 10462 ऋचाए होती है। इस वेद के ऋचाओं के पढ़ने वाले ऋषी को होतृ कहते है। इस वेद से आर्य के राजनीतिक प्रणाली और इतिहास के बारे में जानकारी मिलती है। 2. विश्वामित्र द्वारा रचित ऋग्वेद के तीसरे मंडल में सूर्य देवता सावित्री को समर्पित प्रसिद्व गायत्री मंत्र है । इसके 9वे मंडल में देवता सोम का उल्लेख है । 3. इसके 8वे मंडल की हस्तलिखित ऋचाओं को खिल कहा जाता है । नोट - धर्म सूत्र चार प्रमुख जातियो की स्थितियों, व्यवसाय, दायित्वों, कर्तव्